![]() |
Maa Netula Temple |
जमुई मुख्यालय से
करीब 20 किमी दूर सिकंदरा प्रखंड के कुमार गांव के समीप श्मशान भूमि स्थित मां
नेतुला की दुर्गा पूजा में सभी धर्मो के लोगों का खास महत्व बढ़ जाता है।
ऐसी मान्यता है
कि मंदिर में सच्चे भक्तिभाव से 30 दिनों तक धरना देने से मनवांछित फल की प्राप्ति
होती है।
नेतुला मां के
दरबार में अब तक आधे दर्जन से अधिक अंधे व्यक्ति की खोई हुई आंखों की रौशनी व
नि:संतान दंपत्तियों को संतान की प्राप्ति हो चुकी है।
भगवान महावीर ने
त्यागा था अपना वस्त्र
वैसे तो मां
नेतुला मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। इस मंदिर का 26 सौ साल पुराना इतिहास का
रिकार्ड है।
6 सौ ई.पू. में
भगवान महावीर गृह त्याग कर जब ज्ञान प्राप्त करने निकले थे, तब उन्होंने प्रथम दिन कुमार गांव में ही नेतुला मां की
मंदिर परिसर स्थित वटवृक्ष के नीचे रात्रि विश्राम किया था और इसी स्थान पर अपना
वस्त्र त्याग कर दिया था।
इसका उल्लेख जैन
धर्म के प्रसिद्ध ग्रंथ कल्पसूत्र में वर्णित है। नेतुला मां को चन्द्रघंटा का भी
रुप बताया गया है।
No comments:
Post a Comment